Wednesday, August 24, 2022

मेरे दिल की ख़ुशी तुम क्या जानो (AMAR BHARAT)

 

मेरे दिल की ख़ुशी तुम क्या जानो 


मेरे दिल की ख़ुशी -

तुम क्या जानो ?

दीवाने को है चाँद मिला -

मेरा रोम-रोम ये-

महक उठा,

पतझड़ में ज्यों -

फूल खिला |


दिन बीते कई कठिनाई में-

रातें बीती तन्हाई में,

जब आज नज़र भर -

देखा तुमको,

तन मन में भर आई 

"मय" |


अब झूम रहा हूँ-

ख़ुमार लिए,

हर साँस में तेरा-

प्यार लिए |

कई दिन की तलब-

अब शांत हुई,

तेरी नज़र की जब-

बरसात हुई |


इक क्षण में-

खुद से सौ बात हुई,

हर बात में -

तेरी ही बात हुई |


मेरा दिल दीवाना है तेरा-

दीवाने की भी कुछ मानो,

मैं बयां करूँ-

आँखों से ख़ुशी,

मेरे दिल की ख़ुशी-

तुम क्या जानो ?

अम्बरीष चन्द्र  'भारत'





12 comments:

आज जी भर कर जी लेता हूं

आज जी भर कर जी लेता हूं - मुझे कल से कुछ उम्मीद नहीं, आज खुलकर हंस रहा हूं यारों - इस पल के ठहरने की कोई उम्मीद नहीं।। आज मैं हूं तो कल कोई ...