Wednesday, October 12, 2022

स्वर्ग की कोई अप्सरा (AMBRISH CHANDRA BHARAT)

स्वर्ग की कोई अप्सरा 


स्वर्ग की कोई अप्सरा-
ज़मीं पर उतर आई है|

खेलती, झूमती,
हवा को चूमती,
मुस्कुराकर फूलों में-
बेहद हसीं पुष्प बनकर घूमती |

खुली ज़ुल्फ़ों को लहराई-
बादल रह गए आसमाँ में ,
वो चाँद बनकर-
ज़मीं पर आई |

हर तरफ हरियाली है-
उसके होंठों पर लाली छाई है,
पैरों को झुलाती-
छेड़ती फूलों को,
आसमाँ में उड़ने की-
चाहत ले आई है |

उसके हंसने से-
और भी खिल उठे फूल सारे-
ज़मीं पर वो जैसे-
स्वर्ग लेकर आई है |

स्वर्ग की वो अप्सरा-
ज़मीं पर उतर आई है |


अम्बरीष चन्द्र 'भारत'

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