तो कुछ और बात है |
पूरी धरा भी साथ दे-
तो और बात है,
तू ज़रा भी साथ दे-
तो कुछ और बात है |
चलने को तो बिन पैर के-
चल रहे है कई लोग यहाँ,
कोई अपना भी साथ दे-
तो कोई और बात है |
यूँ तो कई गैर है-
जो कहते हैं अपना हमें,
पर इन मुश्किलों में -
वो जो अपना है,
वो साथ दे -
तो कोई और बात है |
जानते तो हम भी है -
की राहों में बाधाएँ आएंगी,
वो बाटे जो दर्द ज़रा भी-
तो कोई और बात है |
वाकिफ हम भी हो चुके हैं-
अपनी राह के काँटों से,
वो तैयार हो मरहम लगाने को-
तो कोई और बात है |
यूँ तो कठिन है-
रात भर जागकर,
किताबों से आंख मिलाना-
बीच - बीच वो-
पूछे मेरा हाल,
तो कोई और बात है |
टकरा तो हम जायेंगे-
सामने पहाड़ हो तब भी,
वो हारने न दे-
हौंसला बढ़ा दे-
तो कोई और बात है |
नज़रें तो हम मिला लेंगे-
दहकते सूरज से भी,
वो अपनी परछाई दे हमपर-
तो कोई और बात है |
पसीना क्या है?
लहू भी बहा दे-
मंज़िल की राह में,
तू बस हाथों में हाथ रख दे-
तो फिर क्या बात है |
अम्बरीष चन्द्र 'भारत'
शोभनम्
ReplyDeleteधन्यवाद आचार्य जी
DeleteSuperub bhaiya .. Kya bat hai ..🔥🔥🌟🌟⭐⭐💗💗💖💖💕💞👏👏👏🌹🌹
DeleteVery nice line bhai
ReplyDeletethank u so much bhai ji
DeleteNice
ReplyDeletethank you ji
DeleteNice
ReplyDeletethank u so much
Delete
ReplyDeleteNice line 👍
thank u so much
DeleteVery nice bro
ReplyDelete🤗🤗
Thank u so much
DeleteKya Baat Hai...👌❤️
ReplyDeletebas dil ki baat hai
DeleteNice...heart touching
ReplyDeletethank u ji
Deleteकमाल लाज़वाब
ReplyDeleteAwesome
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