Friday, January 3, 2025

Ambrish Chandra Bharat

जिंदगी जितनी भी जिया बहुत खुश रहा। कभी किसी के दिल को न दुखाया बस चुप रहा ।।

आज जी भर कर जी लेता हूं

आज जी भर कर जी लेता हूं - मुझे कल से कुछ उम्मीद नहीं, आज खुलकर हंस रहा हूं यारों - इस पल के ठहरने की कोई उम्मीद नहीं।। आज मैं हूं तो कल कोई ...