Wednesday, December 28, 2022

रब तुमको हँसाये (AmBrIsH cHaNdRa BhArAt)

ब तुमको हँसाये


ये रूप जो दिल में उतर जाए-
तुझे देखने के बाद, 
न और कहीं नज़र जाए |
ये सादगी , ये मासूमियत, 
देखकर जीवन में खुशियों की
बहार आए-
तुझे देखूँ और क्या- क्या लिखूँ, 
दिल में हज़ारों विचार आए |
 ये लहर ज़ुल्फ़ों की-
मन में हलचल लाए, 
मैं खो जाऊँ तुझे देखकर-
मुझे अब न कोई जगाये |

ये मुस्कुराहट-
 जो सुकूँ दिल को देती है, 
रब कभी तुमसे ना चुरा पाए-
रहो जहाँ तुम, 
रब तुमको हँसाये|

अम्बरीष चन्द्र'भारत'


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