दिलकश धोखा
ये खूबसूरत ज़ुल्फ़ें-
ये हवा का झोंका,
ए दिल -
संभल के रहना ज़रा,
हुस्न लेकर आया है-
महफ़िल में दिलकश धोखा |
तू.. फिर किसी काबिल न रह पायेगा-
रोक ले कदम ए दिल,
अब भी वक़्त है-
जो गया उसकी गली,
तो बाद में पछतायेगा |
अम्बरीष चन्द्र 'भारत'
आज जी भर कर जी लेता हूं - मुझे कल से कुछ उम्मीद नहीं, आज खुलकर हंस रहा हूं यारों - इस पल के ठहरने की कोई उम्मीद नहीं।। आज मैं हूं तो कल कोई ...