Tuesday, November 1, 2022

रूठकर मुझसे (AmBrIsH cHaNdRa BhArAt)

रूठकर मुझसे

रूठकर मुझसे-
न यूँ  मुझको; 
परेशां किया करो,
मेरी रूह-
मेरी सॉंस-
धड़कन मेरी-
सब है तेरा,
थोड़ा सा तो मुझपर-
यकीन किया करो|

काली घटा भी मुझको-
इतना न भाए,
जितनी की तेरी -
ज़ुल्फ़ की घटायें |

मैं तो दीवाना हूँ-
हरपल तेरा ,
तेरी अदाएं-
मुझपर जादू चलाएं |

अपनी ये दूरी-
मुझको रुलाये,
रब से मैं मांगू-
की तुझसे मिलाये |

की आँखे वो उसकी-
जिनमे हूँ मैं,
रब मेरे हिस्से की खुशियाँ-
उनको दिया करो,
रूठकर मुझसे-
न यूँ मुझको परेशां किया करो |





अम्बरीष चन्द्र 'भारत'

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