Monday, May 22, 2023

मासूमियत (AMBRISH CHANDRA BHARAT)

  मासूमियत  


तेरे चेहरे की मासूमियत -
जैसे सागर का ठहरा पानी,
तेरे चेहरे की मुस्कराहट-
जैसे की हल्की लहरें हों उठीं |

तेरा खुलकर हंसना-
मेरे दिल के सागर में-
तूफ़ां उठना ,
तेरी ज़ुल्फ़ों का-
आज़ाद करके बाँधना,
जैसे की मासूम दिल पर-
घटाओं का जादू डालना |

देखकर मेरी तरफ -
मुस्कुराना तेरा, 
हाय ! कि अब तय है -
दिल का जाना मेरा |

लड़ी तुमसे नज़र-
हुआ घायल जिगर,
महंगा पड़ा है,
मुस्कुराना तेरा |

अम्बरीष चन्द्र 'भारत'



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