Sunday, November 27, 2022

जबतक है वफ़ा- दिल में मेरे (AmBrIsH cHaNdRa BhArAt)


जबतक है वफ़ा


जबतक है वफ़ा-
दिल में मेरे,
तबतक मेरी ये-
सांस चले |

वफ़ा जो तोडूँ-
तुझसे मैं सनम,
सांस की शाम-
मेरी ये ढले |

और जबतक है तू-
मेरी तबतक,
जीने की मेरी -
आश चले |

दूर रहना नहीं-
मुझको तुझसे,
पास रहे तू-
मेरे साथ चले |

जबतक है वफ़ा-
दिल में मेरे,
तबतक मेरी ये-
सांस चले ||


अम्बरीष चन्द्र 'भारत'

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