Monday, September 5, 2022

शिक्षक_ (AMAR BHARAT)

शिक्षक

मिटटी का कोई मोल नहीं-
पत्थर में कोई बोल नहीं,
आकार दे मिटटी को जो-
पत्थर को जो तराश दे,
ज्ञान से हमे नाम दे-
समाज में इक पहचान दे,
अज्ञान नष्ट करने वाले-
ऐसे गुरुजनों का कोई मोल नहीं,
बिन ज्ञान के हम भी थे-
मिटटी, पर मिटटी का कोई  मोल नहीं |

लाखों भी खर्च कर दे मगर-
बिन गुरू के ज्ञान मिलता नहीं,
सच्चा गुरू गर ज्ञान दे-
मन बाधाओं में हिलता नहीं |

कहते है वेद-
बिन गुरू के,
मिलते कहीं भगवान नहीं,
गुरू से मिला ज्ञान जिसको-
बना सदा महान वही |

ईश्वर से पहले-
स्थान जिनका ,
सर्वोपरि सम्मान है-
गुरू है माता-पिता के जैसे-
धरती पर वो ही भगवान है,
मिला गुरू सच्चा जिसको-
कदमो में रहा जहान है |

शिक्षक तिथि की हार्दिक शुभकामनाये |


अम्बरीष चन्द्र  'भारत'





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