Monday, September 26, 2022

बस एक नज़र का खेल है (AMAR BHARAT)

बस एक नज़र का खेल है


बस एक नज़र का खेल है-
तू मुस्कुराकर देखे तो आबाद,
तु नज़रे फेर  ले  तो-
दिल बेचारा फेल है |

मैं तो आवारा हूँ-
राहों का बंजारा हूँ,
भागता तेरे पीछे-
तेरे प्यार का मारा हूँ |

लड़खड़ाता थक गया हूँ-
डूबता दुनिया के सागर में,
ढूंढता एक किनारा हूँ |

कभी सर्द से ठिठुरा तो-
कभी सूरज से तपता हूँ,
छाले पावं के फूटे तो,
तेरा नाम जपता हूँ  |

कभी इक नज़र देखे-
तु समझे मैं बेचारा हूँ,
तेरी नायाब नज़रों का मिले-
मुझे भी एक नज़र तोहफा,
उस प्यार भरी नज़र की खातिर-
फिरता आवारा हूँ,

बहुत रोया हूँ मैं-
तन्हाई में-
लगाकर गले कह दे मुझे,
मैं तेरा सहारा हूँ |

दुनिया का क्या-
दुनिया लगे,
जैसे कि निर्मम जेल है,
बस इक नज़र का खेल है |

तु मुस्कुराकर देखे तो आबाद-
तु नज़रे फेर ले तो,
दिल बेचारा  फेल है |



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