तेरी हसीं ज़ुल्फ़ों का मैं दीवाना हूँ,
तेरी हसीं ज़ुल्फ़ों का मैं दीवाना हूँ,
तेरे ख्वाबों में जीता -
बेहतरीन अफसाना हूँ |
तेरी अदाओं के तीर -
जो चले मुझपर,
दुनिया से मैं-
बेखबर, बेगाना हूँ |
जानता था पहले मैं,
शहर भर को-
अबतो खुद से ही,
अंजाना हूँ |
तेरी हसीं ज़ुल्फ़ों का मैं दीवाना हूँ |
हाय ! की जबसे देखी है-
तेरी नज़र,
ये दिल को करे बेचैन-
मुझपर ढाये कहर |
अदाएं हैं तेरी-
कि जीने न दे,
लगा मुझको सीने से -
या लगूँ मौत के गले मैं-
खाकर ज़हर |
तेरी खातिर बन गया आवारा हूँ,
तेरी हसीं ज़ुल्फ़ों का मैं दीवाना हूँ |
अम्बरीष चन्द्र 'भारत'