Wednesday, September 28, 2022

तेरी आँखों की चमक (AMAR BHARAT)

तेरी आँखों की चमक


तेरी आँखों की चमक को-
अँधियारे की इक आस लिखूँ,
तू मुस्कुराए-
तेरी हसीं मुस्कराहट को,
मैं अपनी ज़िंदगी और साँस लिखूँ |

तुझे देखकर-
देखने की ख्वाहिश हो और,
तू रूप का सागर है-
मैं खुद को सहरा की प्यास लिखूँ |

तेरी हसीं भीगी ज़ुल्फ़ें-
हाथों में लाल मेहँदी का रंग,
मुस्कराहट दिल की धड़कन बनी-
तुझको मैं बेहद खास लिखूँ |

मिले सारा ज़हान-
जीतने की शक्ति,
मेरी आत्मा में है तू,
तुझे खुद का आत्मविश्वास लिखूँ |

तेरी आँखों की चमक को-
अँधियारे की इक आस लिखूँ ,
तेरी हसीं मुस्कराहट को,
मैं अपनी ज़िंदगी और साँस लिखूँ |



                                                                      अम्बरीष चन्द्र 'भारत'

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