Saturday, December 30, 2023
Sunday, November 5, 2023
यारों के साथ जिंदगी (अम्बरीष चन्द्र भारत)
जिंदगी जीना तो सब चाहते हैं,
पर सच्चे दोस्तों सब नहीं पाते है।।
क्योंकि दोस्त हमारे शेर और चीते है।
#AMBRISH CHANDRA BHARAT
~अम्बरीष चन्द्र 'भारत'~
Thursday, October 12, 2023
इतनी हसीं हो तुम (अम्बरीष चन्द्र 'भारत')
इतनी हसीं हो तुम
इतनी हसीं हो तुम-
की रब भी देखे तो-
देखता रह जाये,
तुम्हे पाने को खुदा,
खुद ज़मीं पर आये |
कभी बारिशे करे-
कभी गुल महकाये,
रब की चाहत यही की,
बस तू मुस्कुराये |
आसमां गरजे तो-
आवाज़ उसकी तुझतक न आये,
बरसे बदल जो-
तेज़ धार तुमपर न आये,
रब का प्यार बरसे तुमपर-
कभी कोई मुसीबत न आये |
नाज़ुक हो तुम,
बेहद हसीं गुलाब हो,
रवि की तपन भी-
कभी तुमपर न आये |
इतनी हसीं हो तुम,
की रब भी देखे तो-
देखता रह जाये |
अम्बरीष चन्द्र 'भारत'
Tuesday, August 15, 2023
स्वतंत्रता और गुलामी (AMBRISH CHANDRA BHARAT)
स्वतंत्रता और गुलामी
स्वतंत्रता की शुभकामना-
देते सभी एक दूसरे को,
मैं भी कहता शुभ मंगल हो,
आज़ादी की वेला ये |
आज स्वतंत्रता की भावना में-
बहते सभी नागरिक है,
कल से क्या होगा फिर से-
वही गुलामी तन मन की?
देश आज़ाद हुआ लेकिन-
सोच वही गुलामों की,
कोई रोटी दे युहीं-
न काम की कोई बात करे,
सोच रहे राजा बन जाये-
और घर बैठे आराम करे |
हो सकता हो बंद हो मदिरा -
पर नेताओं की हर रात सजे-
आज़ाद देश तो कहते है,
पर गुलाम नशे से करते हैं|
हर कदम पर खुले मदिरालय हैं-
पर जल सेवा का नाम नहीं |
आज़ादी तो तब मानूं-
जब जनता स्वतः काम करे,
देश की सेवा भाव लिए-
विश्व में देश का नाम करे |
आलस्य, अकर्मण्य, द्वेष न हो-
न किसी पर अत्याचार रहे,
हृदय में देश की सांसे हों -
तन देश की खातिर तैयार रहे |
हृदय से शुभ मंगल है,
जन-जन ऐसे ही आज़ाद रहे|
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामना
अम्बरीष चन्द्र 'भारत'
Monday, May 22, 2023
मासूमियत (AMBRISH CHANDRA BHARAT)
मासूमियत
तेरे चेहरे की मासूमियत -
जैसे सागर का ठहरा पानी,
तेरे चेहरे की मुस्कराहट-
जैसे की हल्की लहरें हों उठीं |
तेरा खुलकर हंसना-
मेरे दिल के सागर में-
तूफ़ां उठना ,
तेरी ज़ुल्फ़ों का-
आज़ाद करके बाँधना,
जैसे की मासूम दिल पर-
घटाओं का जादू डालना |
देखकर मेरी तरफ -
मुस्कुराना तेरा,
हाय ! कि अब तय है -
दिल का जाना मेरा |
लड़ी तुमसे नज़र-
हुआ घायल जिगर,
महंगा पड़ा है,
मुस्कुराना तेरा |
अम्बरीष चन्द्र 'भारत'
Sunday, January 15, 2023
मोहब्बत बेहिसाब रखती है (AMBRISH CHANDRA BHARAT)
मोहब्बत बेहिसाब रखती है
वो जो बातों में अपनी-
फूलों की बरसात रखती है,
वो जो ज़ुल्फ़ों में अपनी -
शीतलता की छाँव रखती है,
वो जो महका दे महफ़िल-
जो बज़्म में पांव रखती है |
फूलों की बरसात रखती है,
वो जो ज़ुल्फ़ों में अपनी -
शीतलता की छाँव रखती है,
वो जो महका दे महफ़िल-
जो बज़्म में पांव रखती है |
वो जो गुलाबी पैरों में -
पायल की छनकार रखती है,
वो जो गोरी कलाइयों में-
चूड़ियों की खनकार रखती है,
वो जो सुर छेड़ कर-
दीवाना बना दे,
मधुर ऐसी आवाज़ रखती है |
वो जो मुस्कुराकर-
नैना झुकाकर,
क़त्ल करने का अंदाज़ रखती है,
वो जो अपनी धड़कन में -
मेरी सांसो की किताब रखती है |
वो जो हुस्न का सागर है-
और नैनो में अपने शराब रखती है |
मैं मिट सकता हूँ-
हर जनम में उसके लिए,
जो मेरे लिए-
दिल में मोहब्बत बेहिसाब रखती है-
दिल में मोहब्बत बेहिसाब रखती है|
हर जनम में उसके लिए,
जो मेरे लिए-
दिल में मोहब्बत बेहिसाब रखती है-
दिल में मोहब्बत बेहिसाब रखती है|
अम्बरीष चन्द्र 'भारत'
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