Sunday, November 5, 2023

यारों के साथ जिंदगी (अम्बरीष चन्द्र भारत)

जिंदगी जीना तो सब चाहते हैं,
पर सच्चे दोस्तों सब नहीं पाते है।।
कि जिऩ्दगी हम शान से जीते हैं -
क्योंकि दोस्त हमारे शेर और चीते है।


#AMBRISH CHANDRA BHARAT
~अम्बरीष चन्द्र 'भारत'~


Thursday, October 12, 2023

इतनी हसीं हो तुम (अम्बरीष चन्द्र 'भारत')

इतनी हसीं हो तुम


इतनी हसीं हो तुम-
की रब भी देखे तो-
देखता रह जाये,
तुम्हे पाने को खुदा,
खुद ज़मीं पर आये |

कभी बारिशे करे-
कभी गुल महकाये,
रब की चाहत यही की,
बस तू मुस्कुराये |

आसमां गरजे तो-
आवाज़ उसकी तुझतक न आये,
बरसे बदल जो-
तेज़ धार तुमपर न आये,
रब का प्यार बरसे तुमपर-
कभी कोई मुसीबत न आये |

नाज़ुक हो तुम,
बेहद हसीं गुलाब हो,
रवि की तपन भी-
कभी तुमपर न आये |

इतनी हसीं हो तुम,
की रब भी देखे तो-
देखता रह जाये |

अम्बरीष चन्द्र 'भारत'




Tuesday, August 15, 2023

स्वतंत्रता और गुलामी (AMBRISH CHANDRA BHARAT)

                                                            

स्वतंत्रता और गुलामी


स्वतंत्रता की शुभकामना-

देते सभी एक दूसरे को,

मैं भी कहता शुभ मंगल हो,

आज़ादी की वेला ये |


आज स्वतंत्रता की भावना में-

बहते सभी नागरिक है,

कल से क्या होगा फिर से-

वही गुलामी तन मन की?


देश आज़ाद हुआ लेकिन-

सोच वही गुलामों की,

कोई रोटी दे युहीं-

न काम की कोई बात करे,

सोच रहे राजा बन जाये-

और घर बैठे आराम करे |


हो सकता हो बंद हो मदिरा -

पर नेताओं की हर रात सजे-

आज़ाद देश तो कहते है,

पर गुलाम नशे से करते हैं|

हर कदम पर खुले मदिरालय हैं-

पर जल सेवा का नाम नहीं |


आज़ादी तो तब मानूं-

जब जनता स्वतः काम करे,

देश की सेवा भाव लिए-

विश्व में देश का नाम करे |


आलस्य, अकर्मण्य, द्वेष न हो-

न किसी पर अत्याचार रहे,

हृदय में देश की सांसे हों -

तन देश की खातिर तैयार रहे |

हृदय से शुभ मंगल है,

जन-जन ऐसे ही आज़ाद रहे|


स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामना 

अम्बरीष चन्द्र 'भारत'



Monday, May 22, 2023

मासूमियत (AMBRISH CHANDRA BHARAT)

  मासूमियत  


तेरे चेहरे की मासूमियत -
जैसे सागर का ठहरा पानी,
तेरे चेहरे की मुस्कराहट-
जैसे की हल्की लहरें हों उठीं |

तेरा खुलकर हंसना-
मेरे दिल के सागर में-
तूफ़ां उठना ,
तेरी ज़ुल्फ़ों का-
आज़ाद करके बाँधना,
जैसे की मासूम दिल पर-
घटाओं का जादू डालना |

देखकर मेरी तरफ -
मुस्कुराना तेरा, 
हाय ! कि अब तय है -
दिल का जाना मेरा |

लड़ी तुमसे नज़र-
हुआ घायल जिगर,
महंगा पड़ा है,
मुस्कुराना तेरा |

अम्बरीष चन्द्र 'भारत'



Sunday, January 15, 2023

मोहब्बत बेहिसाब रखती है (AMBRISH CHANDRA BHARAT)

मोहब्बत बेहिसाब रखती है

वो जो बातों में अपनी-
फूलों की बरसात रखती है,
वो जो ज़ुल्फ़ों में अपनी -
शीतलता की छाँव रखती है,
वो जो महका दे महफ़िल-
जो बज़्म में पांव रखती है |

वो जो गुलाबी पैरों में -
पायल की छनकार रखती है,
वो जो गोरी कलाइयों में-
चूड़ियों की खनकार रखती है,
वो जो सुर छेड़ कर-
दीवाना बना दे,
मधुर ऐसी आवाज़ रखती है |

वो जो मुस्कुराकर-
नैना झुकाकर,
क़त्ल करने का अंदाज़ रखती है,
वो जो अपनी धड़कन में -
मेरी सांसो की किताब रखती है |

वो जो हुस्न का सागर है-
और नैनो में अपने शराब रखती है |
मैं मिट सकता हूँ-
हर जनम में उसके लिए,
जो मेरे लिए-
दिल में मोहब्बत बेहिसाब रखती है-
दिल में मोहब्बत बेहिसाब रखती है|



अम्बरीष चन्द्र 'भारत'

Redmi 12 5G

https://amzn.to/3xlDRWs