Sunday, January 15, 2023

मोहब्बत बेहिसाब रखती है (AMBRISH CHANDRA BHARAT)

मोहब्बत बेहिसाब रखती है

वो जो बातों में अपनी-
फूलों की बरसात रखती है,
वो जो ज़ुल्फ़ों में अपनी -
शीतलता की छाँव रखती है,
वो जो महका दे महफ़िल-
जो बज़्म में पांव रखती है |

वो जो गुलाबी पैरों में -
पायल की छनकार रखती है,
वो जो गोरी कलाइयों में-
चूड़ियों की खनकार रखती है,
वो जो सुर छेड़ कर-
दीवाना बना दे,
मधुर ऐसी आवाज़ रखती है |

वो जो मुस्कुराकर-
नैना झुकाकर,
क़त्ल करने का अंदाज़ रखती है,
वो जो अपनी धड़कन में -
मेरी सांसो की किताब रखती है |

वो जो हुस्न का सागर है-
और नैनो में अपने शराब रखती है |
मैं मिट सकता हूँ-
हर जनम में उसके लिए,
जो मेरे लिए-
दिल में मोहब्बत बेहिसाब रखती है-
दिल में मोहब्बत बेहिसाब रखती है|



अम्बरीष चन्द्र 'भारत'

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बेरोजगार तो वो होता है जो दिन भर सोता है, कमाता भी नहीं, मैं बेरोजगार नहीं हूं, दिन भर योगी सरकार के लाखों रोजगार वाली खबर पढ़ता हूं। पिता ज...