मासूमियत
तेरे चेहरे की मासूमियत -
जैसे सागर का ठहरा पानी,
तेरे चेहरे की मुस्कराहट-
जैसे की हल्की लहरें हों उठीं |
तेरा खुलकर हंसना-
मेरे दिल के सागर में-
तूफ़ां उठना ,
तेरी ज़ुल्फ़ों का-
आज़ाद करके बाँधना,
जैसे की मासूम दिल पर-
घटाओं का जादू डालना |
देखकर मेरी तरफ -
मुस्कुराना तेरा,
हाय ! कि अब तय है -
दिल का जाना मेरा |
लड़ी तुमसे नज़र-
हुआ घायल जिगर,
महंगा पड़ा है,
मुस्कुराना तेरा |
अम्बरीष चन्द्र 'भारत'