इतनी हसीं हो तुम
इतनी हसीं हो तुम-
की रब भी देखे तो-
देखता रह जाये,
तुम्हे पाने को खुदा,
खुद ज़मीं पर आये |
कभी बारिशे करे-
कभी गुल महकाये,
रब की चाहत यही की,
बस तू मुस्कुराये |
आसमां गरजे तो-
आवाज़ उसकी तुझतक न आये,
बरसे बदल जो-
तेज़ धार तुमपर न आये,
रब का प्यार बरसे तुमपर-
कभी कोई मुसीबत न आये |
नाज़ुक हो तुम,
बेहद हसीं गुलाब हो,
रवि की तपन भी-
कभी तुमपर न आये |
इतनी हसीं हो तुम,
की रब भी देखे तो-
देखता रह जाये |