Thursday, October 12, 2023

इतनी हसीं हो तुम (अम्बरीष चन्द्र 'भारत')

इतनी हसीं हो तुम


इतनी हसीं हो तुम-
की रब भी देखे तो-
देखता रह जाये,
तुम्हे पाने को खुदा,
खुद ज़मीं पर आये |

कभी बारिशे करे-
कभी गुल महकाये,
रब की चाहत यही की,
बस तू मुस्कुराये |

आसमां गरजे तो-
आवाज़ उसकी तुझतक न आये,
बरसे बदल जो-
तेज़ धार तुमपर न आये,
रब का प्यार बरसे तुमपर-
कभी कोई मुसीबत न आये |

नाज़ुक हो तुम,
बेहद हसीं गुलाब हो,
रवि की तपन भी-
कभी तुमपर न आये |

इतनी हसीं हो तुम,
की रब भी देखे तो-
देखता रह जाये |

अम्बरीष चन्द्र 'भारत'




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