तेरे दिल की तू जाने
तेरे दिल की तू जाने -
मुझे क्या पता?
पर, मेरे दिल की हर इक-
मंज़िल है तुझसे |
मिले तो मिले मुझको -
साथ तुम्हारा,
तेरे बिन जाये-
सांस मेरी मुझसे|
तेरी ही हंसी में-
सारा जहाँ है,
देखकर नैन तेरे-
सुकून मिलता यहाँ है,
है तू जहाँ -
स्वर्ग मेरा वहां है|
रूठती है तू-
क्यों न बोलती है मुझसे?
कुछ तो सुना-
मेरी क्या खता है?
तेरे दिल की तू जाने-
मुझे क्या पता है?
अम्बरीष चन्द्र 'भारत'
❤️👌👌
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