Thursday, August 11, 2022

आ गई हो तुम.. (AMAR BHARAT)

 आ गई हो तुम..


आ गई हो तुम ,

तो मेरी जान आ गयी है,

जा रही थी आश मेरी,

अब आश आ गयी है|


मेरे जीने का अब इक-

सहारा हो तुम,

देखकर तुमको -

मेरी सांस आगई है,

आ गयी हो तूम -

तो मेरी जान आ गयी है|


तेरे इंतज़ार में मैं कबसे बैठा यहाँ -

न आई तुम पहले -

थी इतनी देर से बोलो कहाँ?

कैसे तुझ बिन तड़प रहा था यहाँ-

फूलों से कर रहा हूँ बातें,

हर कोई मुझे पागल समझे यहाँ|


अकेला होकर भी-

तेरे साथ मानो चल रहा यहाँ,

आने से तेरे देखो बदल गया मेरा जहाँ|


बन गई है फूल कलियाँ -

भौरें गीत गए रहे यहाँ,

खुशबू बिखर रही,

तुम जाती हो जहाँ-जहाँ|


तेरे आने से ही-

ये बहार आ गई है,

आ गए हो तुम-

तो मेरी जान आगई है,

जा रही थी आश मेरी-

वो आश आ गयी है|


            अम्बरीष चन्द्र  'भारत'



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