Sunday, October 16, 2022

तड़पता हूँ मैं (AmBrIsH cHaNdRa BhArAt)


तड़पता हूँ मैं -


तड़पता हूँ मैं -
लेकर याद तेरी,
सुनता नहीं क्यों खुदा-
एक भी फरियाद मेरी |

क्यों न तेरे दिल को -
तड़पा देता है?
मेरी आँखों का अश्क -
क्यों न दिल तेरा पिघला देता है?

प्यार हो या हो खुदा-
तड़प सीने की क्यों न,
दिखला देता है?

तू भी पत्थर बन रही-
जैसे की मैं था कभी,
प्यार के वादे वो-
भूली तुम सभी,
क्यों न तेरे नैन भरते
छल छलाते अश्क से-
जल रहा है दिल मेरा ये-
हाय ! तेरे रश्क से |





  अम्बरीष चन्द्र 'भारत'

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