Sunday, October 16, 2022

दिलकश धोखा (AmBrIsH cHaNdRa BhArAt)

दिलकश धोखा


ये खूबसूरत ज़ुल्फ़ें-
ये हवा का झोंका,
ए दिल -
संभल के रहना ज़रा,
हुस्न लेकर आया है-
महफ़िल में दिलकश धोखा |

तू.. फिर किसी काबिल न रह पायेगा-
रोक ले कदम ए दिल,
अब भी वक़्त है-
जो गया उसकी गली,
तो बाद में पछतायेगा |






अम्बरीष चन्द्र 'भारत'

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