Thursday, January 9, 2025

आज जी भर कर जी लेता हूं

आज जी भर कर जी लेता हूं -
मुझे कल से कुछ उम्मीद नहीं,
आज खुलकर हंस रहा हूं यारों -
इस पल के ठहरने की कोई उम्मीद नहीं।।

आज मैं हूं तो कल कोई और आएगा -
सो रहें हैं वो लोग जो रोकर उम्र गुजार रहे,
आज मैं सचेत करने में लगा हूं -
कल कोई और तुम्हें जगाएगा ।।

- अम्बरीष चन्द्र भारत 

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