Monday, August 8, 2022

इक अहसास... (AMAR BHARAT)

  

 इक अहसास..


तुम मुझसे दूर हो-

लेकिन अहसास हो तुम,

तुम मेरे पास न होकर भी-

मेरे पास हो तुम |


तुम सा मिलना सारे जहाँ में-

मुश्किल नहीं, नामुमकिन भी है,

तुम जो  मुझसे दूर जाओ-

सांस रुकना मुमकिन तो है |


तुम जो मेरे पास हो तो-

चाहत भी न है 

अब किसी की ,

मेरी हर धड़कन भी अब-

धड़कती है आपके नाम ही की,


बिन तेरे मेरी ये ज़िंदगी-

है किस काम की,

रूह बिन शरीर जैसे-

मिटटी ही है बस नाम की |


प्रेम तो एक डोर है-

मुश्किल में भी विश्वाश की,

आँखों में सजती अपनी दुनिया-

दीपक जलाकर आश की |


रब से मांगू तुमको सदा-

मेरे दिल की वो अरदास हो तुम,

जीवन का मेरे इक हसीं-

अहसास हो तूम |


दूर होकर भी मेरे पास हो तुम-

मेरे प्यार का अहसास हो तुम,

तुम पास न होकर भी-

मेरे पास हो तुम |


अम्बरीष चन्द्र  'भारत'





 

 


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