इक अहसास..
तुम मुझसे दूर हो-
लेकिन अहसास हो तुम,
तुम मेरे पास न होकर भी-
मेरे पास हो तुम |
तुम सा मिलना सारे जहाँ में-
मुश्किल नहीं, नामुमकिन भी है,
तुम जो मुझसे दूर जाओ-
सांस रुकना मुमकिन तो है |
तुम जो मेरे पास हो तो-
चाहत भी न है
अब किसी की ,
मेरी हर धड़कन भी अब-
धड़कती है आपके नाम ही की,
बिन तेरे मेरी ये ज़िंदगी-
है किस काम की,
रूह बिन शरीर जैसे-
मिटटी ही है बस नाम की |
प्रेम तो एक डोर है-
मुश्किल में भी विश्वाश की,
आँखों में सजती अपनी दुनिया-
दीपक जलाकर आश की |
रब से मांगू तुमको सदा-
मेरे दिल की वो अरदास हो तुम,
जीवन का मेरे इक हसीं-
अहसास हो तूम |
दूर होकर भी मेरे पास हो तुम-
मेरे प्यार का अहसास हो तुम,
तुम पास न होकर भी-
मेरे पास हो तुम |
अम्बरीष चन्द्र 'भारत'
Wooow, kisi ki yaad agai.
ReplyDelete